Bank FD में निवेश अब हुई पुरानी बात! यहां मिल रहा है इससे कहीं अधिक रिटर्न, निवेश कर काटें मुनाफा

09/09/2020 9:03 PM

Kumar Deepak

फिक्स डिपॉजिट (FD) ने एक अधिक सुरक्षित निवेश विकल्प होने के कारण हमारे देश में काफी लोकप्रियता प्राप्त की है, लेकिन अब एफडी से लोगों का लगाव कम हो रहा है। इसका प्रमुख कारण है, कम होती ब्याज दरें। सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी के अनुसार पिछले एक-दो सालों से एफडी पर ब्याज दरें तीन से चार फीसद घट चुकी हैं। पहले जहां प्रमुख बैंक एफडी पर सात फीसद से अधिक ब्याज देते थे, वे अब पांच फीसद से कम ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं। ऐसे में लोग निवेश के लिए अन्य विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।

एफडी एक छोटे समय का निवेश विकल्प माना जाता है। अधिकांश ग्राहक एफडी में दो से पांच साल के लिए निवेश करना पसंद करते हैं। सोलंकी के अनुसार इस अवधि में अभी कोई भी अधिक सुरक्षित उच्च रिटर्न वाला निवेश विकल्प नजर नहीं आता है। एक विकल्प जो हम देख सकते हैं, वह है डेट म्युचुअल फंड, लेकिन यहां भी पिछले महीनों से रिटर्न घटा है। इसलिए एक्सपर्ट का मानना है कि अब ग्राहकों को अधिक सुरक्षा वाला निवेश विकल्प चाहिए, तो उन्हें लंबी अवधि के लिए निवेश करना होगा।

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अधिक सुरक्षा के साथ उच्च रिटर्न की चाहत रखने वाले निवेशकों के लिए बाजार में कई विकल्प मौजूद हैं। आज हम इनमें से प्रमुख विकल्पों की बात करेंगे। पहला है सुकन्या समृद्धि योजना, दूसरा है वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) और तीसरा विकल्प है सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

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यह केंद्र सरकार द्वारा समर्थित बचत योजना है। यह योजना केवल बेटियों के लिए है। इस योजना में इस समय 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। आप किसी भी अधिकृत बैंक की शाखा या डाकघर में इस स्कीम के लिए खाता खुलवा सकते हैं। इस योजना में बेटी की 10 साल की आयु होने तक खाता खुलवाया जा सकता है और उसके 21 साल के होने पर खाता बंद किया जा सकता है। इस स्कीम में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है। एसएसवाई खाते में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा करा सकते हैं। इस योजना की मदद से पेरेंट्स अपनी बेटी को 21 साल की होने तक काफी अमीर बना सकते हैं।

वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)

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वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन से हर माह बेसिक सैलरी व डीए का 12 फीसद कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा होता है। वहीं, नियोक्ता भी इतनी ही राशि कर्मचारी के EPF अकाउंट में जमा करता है। कर्मचारी अपने वेतन में से अगर 12 फीसद से अधिक राशि पीएफ फंड में निवेश करते हैं, तो उसे VPF कहते हैं। VPF पर भी पीएफ पर मिलने वाली दर से ही ब्याज मिलता है। नियमानुसार, कोई भी वेतनभोगी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 100 फीसद तक VPF में जमा करा सकता है। वीपीएफ पर इस समय करीब 8.5 फीसदी की दर से सालाना रिटर्न मिल रहा है। EPF की तरह VPF पर भी कर छूट का लाभ मिलता है।

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम्स (SCSS)

यह भी एक सरकार समर्थित निवेश योजना है। यह योजना 60 साल से अधिक आयु वाले लोगों के लिए है। इस योजना में अभी 7.40 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। इस योजना में 1,000 रुपये के गुणक में अधिकतम 15 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इस योजना में ब्याज प्रत्येक तिमाही में देय होता है, इसलिए इसे नियमित आय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। SCSS खाता पांच साल में मैच्योर होता है जिसके बाद इसे तीन साल के ब्लॉक के लिए बढ़ाया जा सकता है।

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